पहाड़ सा अडिग नारायण गुसाईं का हौसंला
चौथान समाचार शनिवार 04 अप्रैल 2020 लीये सपने निगाहों में.......चला हूँ तेरी राहों में,.... जिंदगी आ रहा हूँ मैं...... परदेश से पहाड़ में जाने का सपना देखने वाला हर एक उत्तराखंडी इस गीत में सुकून और जुनून दोनों पाता है। सच है दोस्तों पहाड़ पलायन किस्सा भी अब एक अजीब दास्ताँ जैसा है। कुछ कुछ शादी के लड्डू जैसा। जो परदेश में इसको झेल रहे हैं उनके लिए एक दुःस्वप्न बन गया है और जिन्होंने ये लड्डू नहीं खाया उनके लिए हसीन ख्वाब की तरह है। एक ओर परदेश में विषम हालातों से जूझ रहे हज़ारों उत्तराखंडी अपने पहाड़ आने का सपना संजोएं हैं तो दूसरी ओर बड़ी संख्या में उत्तराखंडी हर साल पहाड़ पलायन कर रहे हैं। घर वापसी की बात सोचने, कहने वालों की संख्या बहुत है। पर चंद लोग ही शहर के मायाजाल से बचकर वापस आते हैं। यहाँ पर टिकने और सफल होने वालों की संख्या तो ऊँगली में गिन सकते हैं। और ऐसे ही एक विरले इंसान का नाम है..... नारायण सिंह गुसाईं। अपनी चौथान पट्टी के नारायण सिंह गुसाईं, भरनों गांव से हैं। बड़ा परिवार, निर्धनता, पारिवारिक जिम्मेदारी जैसी मजबूरी जो अधिकतर प