बीमार है बुंगीधार का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र


चौथान पट्टी में स्थित बुंगीधार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मैं मरीजों के साथ साथ डॉक्टरों के लिए भी मूलभूत सुविधाओं का बहुत बड़ा अभाव है। 

वर्ष 2014 में बनकर तैयार हुए इस स्वास्थ्य केंद्र में अब तक पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है। केवल स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही बिजली आपूर्ति पिछले साल 2017 में बहाल की गई है परंतु डॉक्टरों के लिए बने आवासीय परिसर में अभी तक बिजली की फिटिंग नहीं हुई है। 

बहुत दुख का विषय है कि ग्रामीणों द्वारा सरकार प्रशासन से लंबे संवाद एवं संघर्ष के बाद बड़ी मुश्किल से इस माह यहां दो MBBS डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है। 


डॉक्टरों के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र में लगभग 400 से अधिक आवश्यक वस्तुओं की कमी है। जिसकी पूरी सूची मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को भेजी है। जिसमें से अभी तक मात्र 150 आवश्यक वस्तुओं दवाइयों, औजारों आदि की व्यवस्था हो पाई है। 

हालात इतने बदतर है कि स्वास्थ्य केंद्र में शौचालय के लिए कोई पानी नहीं है। आपातकाल में मरीजों के इलाज के लिए भी पानी की व्यवस्था नहीं है। यहां तक की अस्पताल में मरीजों और चिकित्सकों के लिए पेयजल की कोई सुविधा नहीं है। 

नियमानुसार एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों समेत कम से कम 15 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति होनी चाहिए। परंतु इस स्वास्थ्य केंद्र में मात्र 2 डॉक्टरों, 1 फार्मेसिस्ट और 1 वार्ड बॉय को मिलाकर कुल 4 स्वास्थ्यकर्मी ही नियुक्त है। 

सबसे अधिक निराशा की बात है कि महिलाओं के इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र में किसी भी महिला डॉक्टर, एनम नर्स अथवा आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति नहीं हुई है।


इसके अलावा अस्पताल में अस्पताल में अति आवश्यक उपकरणों, प्रयोगशाला, दवाओं, बेड और बेड में बिस्तरों का अभाव है। वही इस स्वास्थ्य केंद्र में आपातकाल के लिए 108 एंबुलेंस की भी कोई सुविधा नहीं है। साथ में बायो मेडिकल कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है।

इस से भी बुरा हाल बुंगीधार स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों के लिए बने आवासीय परिसर का है। लाखों रुपए की लागत से बने इस आवासीय परिसर भवन में जगह-जगह दरारें आ चुकी हैं। फर्श का सीमेंट अभी से उखड़ रहा है। खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं। कमरों में हर जगह पशुओं का गोबर बिखरा पड़ा है। 

परिसर के चारों ओर झाड़-झंखाड़ उगे हुए हैं। आवासीय परिसर में बिजली पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसी चिंताजनक स्थिति में नियुक्त डॉक्टर्स को मरीजों का उपचार करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।



कमोबेश यही स्थिति चौथान पट्टी में मासों और वीरुधुनी में बने अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का है जहां डॉक्टरों, दवाओं और आवश्यक सुविधाओ का बहुत ज्यादा अभाव है।

गौरतलब है कि इसी सप्ताह राज्य सरकार द्वारा गठित पलायन आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में साफ-साफ बताया गया है कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की सुविधा के अभाव में ही राज्य से पलायन हो रहा है। 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत को देखते हुए लगता है राज्य सरकार एवं संबंधित विभाग करोड़ों रुपए की लागत से बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रख-रखाव में भारी अनियमितता और लापरवाही बरत रहे हैं। 



स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा यह भी दर्शाती है कि सरकार मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और नियुक्त डॉक्टरों को भी समुचित सुविधा देने में विफल हो रही है। ऐसे हालातों में चौथान पट्टी के ग्रामीणों का स्वास्थ्य भगवान भरोसे ही है।

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली 
चौथान विकास समिति 
एक नईं सोच 

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Comments

  1. Kya haal bna rakhe h hospital ke aap logo ne

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  2. Jab hospital ke ye hal Hai to yaha marij ko Kon le jayega, government​ be Kyu lagaya yaha faltu ka pesha jab isski care hii nahi karni thi....

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