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चक्रगाव- घुग्ती मोटर मार्ग से कल्याणखाल बाजार 1 किमी मोटर मार्ग स्वीकृति संबंध में

पत्रांक  VCSGCVS/008/26            दिनांक   26.08.2018 सेवा   मे ,  श्रीमान   सुरेंद्र   जीना   जी , माननीय   विधायक    सल्ट, उत्तराखंड सरकार, देहरादून महोदय ,  विषय :  मुख्यमंत्री   मेरा   गावं   मेरी   सड़क   योजना   के   अंतर्गत   चक्रगाव -   घुग्ती गावं वाली मोटर मार्ग से   कल्याणखाल बाजार के लिए एक किलोमीटर   मोटर   मार्ग   की   स्वीकृति   प्रदान करने   के   संबंध   में सर्वप्रथम समिति   आपके   आरोग्य   स्वास्थ्य   और   दीर्घायु   जीवन   की   मंगल   कामना   करती   है। महोदय पत्र द्वारा आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि पृथक राज्य बनने के 18 सालों बावजूद पौड़ी अल्मोड़ा जिलों के सीमान्त चौथान-सल्ट क्षेत्र   में   रहने वाले   चक्रगाव   और   कल्याणखाल   के   सैकड़ों ग्रामीण आज भी मोटर मार्ग की मूलभूत सुविधा से वंचित है।  दोशान का यह क्षेत्र चौथान पट्टी से लगा हुआ है और आपके विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।   महोदय सर्वविदित है कि एक बेहतर सड़क एवं यातायात व्यवस्था, सीमान्त पहाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए अतिआवश्यक है। इसल

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर सैनिक स्कूल खोलने की मांग

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घोषणा के बाद भी नहीं खुल पाया सैनिक स्कूल वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर सैनिक स्कूल खोलने की मांग कोटद्वार। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली चौथान विकास समिति ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर उनकी जन्मस्थली पीठसैंण में जल्द सैनिक स्कूल खोलने की मांग की। समिति ने इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक और मंत्री डा. धन सिंह रावत को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में समिति ने कहा कि एक अक्टूबर, 2016 को तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जन्मस्थली चौथान पट्टी के पीठसैंण में सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की थी। स्थिति यह है कि उनकी इस घोषणा पर अभी तक अमल नहीं हो सका है। समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह भंडारी और सचिव भीम सिंह रावत ने उच्च षिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर यहां सैनिक स्कूल जल्द खोलने की मांग की। उन्होनें कहा कि चौथान में सैनिक स्कूल बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ ही देष को बड़ी संख्या में बेमिसाल सैन्य अधिकारी मिलेंगे।

चौथान: रिक्साल ग्रामवासियों ने पुनर्जीवित की श्रमदान संस्कृति

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गुरुवेंद्र नेगी ’ पौड़ी ( दैनिक जागरण, 3 अगस्त 2018)  पहाड़ी क्षेत्रों में श्रमदान की संस्कृति कभी गांव की समृद्धि का मानक हुआ करता था। आपसी भाई-चारे से संबंध मजबूत होते थे, तो हर समस्या का समाधान भी ग्रामीण खुद निकालते थे। वक्त बदला संस्कृति भी बदलने लगी। ऐसे दौर में रिक्साल गांव के ग्रामीण श्रमदान की संस्कृति को संजीदा कर न केवल बुजुर्ग असहाय महिला को संजीवनी देने की मुहिम में जुटे हैं, बल्कि, उन्होंने पहाड़ में समाप्त होती श्रमदान की संस्कृति को जिंदा रखने का संदेश भी दिया है। हम बात कर रहे हैं, जिला मुख्यालय से करीब 150 किमी दूर स्थित विकासखंड थलीसैंण में चौथान पट्टी के रिक्साल गांव की। बीते 25 जुलाई को भारी बारिश के कारण गांव की 70 वर्षीय वृद्धा रीखुली देवी का पुस्तैनी मकान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। महिला के पति का पहले ही निधन हो चुका है। आवास विहीन हो चुकी बुजुर्ग महिला से अब छत भी छिनने से वह परेशान थीं। इस सब के बीच  वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली चौथान विकास समिति   ने महिला को सहायता दिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी पत्र भेजा। सरकारी इमदाद कब मिलेगी या पूरी होगी,