चौथान: रिक्साल ग्रामवासियों ने पुनर्जीवित की श्रमदान संस्कृति
गुरुवेंद्र नेगी ’ पौड़ी (दैनिक जागरण, 3 अगस्त 2018)
पहाड़ी क्षेत्रों में श्रमदान की संस्कृति कभी गांव की समृद्धि का मानक हुआ करता था। आपसी भाई-चारे से संबंध मजबूत होते थे, तो हर समस्या का समाधान भी ग्रामीण खुद निकालते थे। वक्त बदला संस्कृति भी बदलने लगी। ऐसे दौर में रिक्साल गांव के ग्रामीण श्रमदान की संस्कृति को संजीदा कर न केवल बुजुर्ग असहाय महिला को संजीवनी देने की मुहिम में जुटे हैं, बल्कि, उन्होंने पहाड़ में समाप्त होती श्रमदान की संस्कृति को जिंदा रखने का संदेश भी दिया है।
हम बात कर रहे हैं, जिला मुख्यालय से करीब 150 किमी दूर स्थित विकासखंड थलीसैंण में चौथान पट्टी के रिक्साल गांव की। बीते 25 जुलाई को भारी बारिश के कारण गांव की 70 वर्षीय वृद्धा रीखुली देवी का पुस्तैनी मकान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। महिला के पति का पहले ही निधन हो चुका है। आवास विहीन हो चुकी बुजुर्ग महिला से अब छत भी छिनने से वह परेशान थीं।
इस सब के बीच वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली चौथान विकास समिति ने महिला को सहायता दिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी पत्र भेजा। सरकारी इमदाद कब मिलेगी या पूरी होगी, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन बुजुर्ग महिला के साथ रिक्साल गांव के लोग खड़े हो गए। ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त हुए महिला के पुश्तैनी मकान को खुद ही दुरुस्त करने की मुहिम में जुट गए। समिति ने बताया कि असहाय महिला को मदद दिलाने के लिए क्षेत्रीय विधायक को भी पत्र भेजा गया है।
इधर, रिक्साल गांव के ग्राम प्रधान श्याम सिंह नेगी ने बताया कि गांव की रीखुली देवी का मकान क्षतिग्रस्त होने पर अभी महिला अपने भतीजे के घर में रह रही है। उन्होंने बताया कि मकान का ऊपरी भाग काफी क्षतिग्रस्त हो गया था। आपसी भाई-चारा और श्रमदान की परंपरा को जिंदा रखते हुए ग्रामीण इन दिनों मकान की छत निर्माण में जुटे हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में श्रमदान की संस्कृति कभी गांव की समृद्धि का मानक हुआ करता था। आपसी भाई-चारे से संबंध मजबूत होते थे, तो हर समस्या का समाधान भी ग्रामीण खुद निकालते थे। वक्त बदला संस्कृति भी बदलने लगी। ऐसे दौर में रिक्साल गांव के ग्रामीण श्रमदान की संस्कृति को संजीदा कर न केवल बुजुर्ग असहाय महिला को संजीवनी देने की मुहिम में जुटे हैं, बल्कि, उन्होंने पहाड़ में समाप्त होती श्रमदान की संस्कृति को जिंदा रखने का संदेश भी दिया है।
हम बात कर रहे हैं, जिला मुख्यालय से करीब 150 किमी दूर स्थित विकासखंड थलीसैंण में चौथान पट्टी के रिक्साल गांव की। बीते 25 जुलाई को भारी बारिश के कारण गांव की 70 वर्षीय वृद्धा रीखुली देवी का पुस्तैनी मकान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। महिला के पति का पहले ही निधन हो चुका है। आवास विहीन हो चुकी बुजुर्ग महिला से अब छत भी छिनने से वह परेशान थीं।
इस सब के बीच वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली चौथान विकास समिति ने महिला को सहायता दिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी पत्र भेजा। सरकारी इमदाद कब मिलेगी या पूरी होगी, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन बुजुर्ग महिला के साथ रिक्साल गांव के लोग खड़े हो गए। ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त हुए महिला के पुश्तैनी मकान को खुद ही दुरुस्त करने की मुहिम में जुट गए। समिति ने बताया कि असहाय महिला को मदद दिलाने के लिए क्षेत्रीय विधायक को भी पत्र भेजा गया है।
इधर, रिक्साल गांव के ग्राम प्रधान श्याम सिंह नेगी ने बताया कि गांव की रीखुली देवी का मकान क्षतिग्रस्त होने पर अभी महिला अपने भतीजे के घर में रह रही है। उन्होंने बताया कि मकान का ऊपरी भाग काफी क्षतिग्रस्त हो गया था। आपसी भाई-चारा और श्रमदान की परंपरा को जिंदा रखते हुए ग्रामीण इन दिनों मकान की छत निर्माण में जुटे हैं।
घटना का सम्पूर्ण विवरण तस्वीरों के माध्यम से (तस्वीर सूत्र,साभार, जगदीश रावत, रिक्साल )
रिक्शा वालों को भी मेरा नमस्कार जिन्हों ने बहुत अच्छा किया और वीरचंद्र सिंह गढ़वाली सेवा समिति के सभी सदस्यों को मेरा नमस्कार
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